ग़ज़ल
चपला सी वह चंचल है , लहरों सा पाना, माँ बाप की उसको दिल की धड़कन माना कन्या भ्रूण हत्या
Read Moreघर बार बच्चे देखती भुल गई अपनी स्वतंत्रता नहीं याद मुझे क्या जीना करूँ बस हर पल मंत्रणा। मेरा नाम
Read Moreछंद- चामर (वार्णिक) मापनी- 212 121 212 1,21 212 पदांत- हो गया. समांत- आन 212 121 212 1,21 212
Read Moreविधार्थी निमित का अपने प्रोफैसर को फोन, “मैम्, मैं लांकडाउन में बहुत खाली बैठा दुखी हो रहा हूँ. घर में
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