गज़ल
पीने को जल कमी है, होठों को मल रहे है हम रोज़ थोड़ा थोड़ा साँचों में ढल रहे हैं| रहने
Read Moreजीवन सिंह घर के बाहर किसी बुरी आशंका में खड़ा भयभीत था| “प्रेरणा का आज नतीज़ा आना था, कुछ बुरा
Read Moreसास दूसरे शहर से नौकरी कर आये बेटे विनय को बहू के बारे में अनाप-शनाप कह रहा थी। अभी विवाह
Read Moreअखिलेश प्राईवेट नौकरी में काम अधिक और कम वेतन से बहुत परेशान रहता था|हर समय परिवार में पैसे को लेकर
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