होली वेदों से आज तक
वैदिक युग में होली को ‘नवान्नेष्टि यज्ञ’ कहा गया था, क्योंकि यह वह समय होता है, जब खेतों में पका
Read Moreवैदिक युग में होली को ‘नवान्नेष्टि यज्ञ’ कहा गया था, क्योंकि यह वह समय होता है, जब खेतों में पका
Read Moreतेरे अलकों का घुंघराला मुकुट देखकर, मै सुध– बुध गंवा बैठी । अधरों पे तेरे ,मृदु मुस्कान और पुतलियों में
Read Moreहिंदी साहित्य की प्रसिद्ध कथाकार सामाजिक, आर्थिक और मानवीय अधिकारों के लिए संघर्षरत होकर विविध समुदायों को उनको अधिकारों को
Read Moreजनगणना अर्थात् ‘लोगों की गणना ‘ इंग्लिश में इसे‘ सेंसस’ कहते हैं । विश्व के समस्त देशों में भारत की
Read Moreआया जब से देश में, हैं कोरोना सभी मायूस,ख़ामोश , सतर्क रहने लगे जब तक दवाएं न थी, सब दुआओं
Read Moreपतझड़ के दिन यूं तो हर वर्ष आते हैं लेकिन पिछले साल कुछ यादगार शाम लेकर आया लगा जैसे जिंदगी
Read Moreगोकुल से मथुरा तक का सफर तय करने वाले नवजात शिशु के रूप श्रीकृष्ण जन्म उत्सव प्रतिवर्ष भाद्रपद मास के
Read Moreमुझे तो दर्द की ,थपकियों ने सुलाया पर तुम्हें क्या पता? किस– किसने हैं रुलाया यूॅ॑ ही आॅ॑खें झील सी
Read Moreये प्रेम नहीं कोई खेल प्रिये, यह तो मर्यांदित बन्धन हैं। तुम हृदय में कुंठा मत पालों , मैं तुलसी
Read More“कविता समय के धड़कनों को प्रस्तुत करती हैं यहीं उनकी जीवंतता भी होती हैं । समय से संवाद की अनुभूतियां
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