याद …..
याद की शक्ल कभी पहचानी नहीं होती… किस लम्हे में किसकी याद आये इसका भी कोई गणितीय फ़ॉर्मूला नहीं है…
Read Moreजाने वाला चला जाता पीछे छोड़ जाता एक लंबी खामोशी एक खालीपन एक खलाह एक दरिया एक औरत के दिल
Read Moreमुर्दों की याद में दिए जलाएगें सडक पे सोये भूखो की कविता गजल बनायेगें माफ़ करना ये लेखक हैं लूली
Read Moreदर्द,अश्क,जख्म समुद्र पहाड़ और सफीनो को अपने स्याह दामन में छुपाये बैठी हैं बरसों बाद खिज़ा का मिजाज़ और मेरा
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