“क.ख.ग.घ. सिखलाऊँगी”
मम्मी देखो मेरी डॉल। खेल रही है यह तो बॉल।। पढ़ना-लिखना इसे न आता। खेल-खेलना बहुत सुहाता।। कॉपी-पुस्तक इसे दिलाना।
Read Moreमम्मी देखो मेरी डॉल। खेल रही है यह तो बॉल।। पढ़ना-लिखना इसे न आता। खेल-खेलना बहुत सुहाता।। कॉपी-पुस्तक इसे दिलाना।
Read Moreसुन्दर-सुन्दर और सजीले! आकर्षक और रंग-रँगीले!! शिवशंकर और साँईबाबा! यहाँ विराजे काशी-काबा!! कृष्ण-कन्हैया अलबेला है! जीवन दर्शन का मेला है!!
Read Moreआशा और निराशा की जो, पढ़ लेते हैं सारी भाषा। दो नयनों में ही होती हैं, सारी दुनिया की परिभाषा।।
Read Moreकाले रंग का चतुर-चपल, पंछी है सबसे न्यारा। डाली पर बैठा कौओं का, जोड़ा कितना प्यारा। नजर घुमाकर देख रहे
Read Moreबगुला भगत बना है कैसा? लगता एक तपस्वी जैसा।। अपनी धुन में अड़ा हुआ है। एक टाँग पर खड़ा हुआ
Read Moreबौराई गेहूँ की काया, फिर से अपने खेत में। सरसों ने पीताम्बर पाया, फिर से अपने खेत में।। हरे-भरे हैं
Read Moreबच्चों को लगते जो प्यारे। वो कहलाते हैं गुब्बारे।। गलियों, बाजारों, ठेलों में। गुब्बारे बिकते मेलों में।। काले, लाल, बैंगनी,
Read Moreगैस सिलेण्डर कितना प्यारा। मम्मी की आँखों का तारा।। रेगूलेटर अच्छा लाना। सही ढंग से इसे लगाना।। गैस सिलेण्डर है
Read More“छोटा बस्ता हो आराम” मेरा बस्ता कितना भारी। बोझ उठाना है लाचारी।। मेरा तो नन्हा सा मन है। छोटी बुद्धि
Read Moreढंग निराले होते जग में, मिले जुले परिवार के। देते हैं आनन्द अनोखा, रिश्ते-नाते प्यार के।। चमन एक हो किन्तु
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