“काँव-काँव कर चिल्लाया है कौआ”
काले रंग का चतुर-चपल, पंछी है सबसे न्यारा। डाली पर बैठा कौओं का, जोड़ा कितना प्यारा। नजर घुमाकर देख रहे
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Read Moreबगुला भगत बना है कैसा? लगता एक तपस्वी जैसा।। अपनी धुन में अड़ा हुआ है। एक टाँग पर खड़ा हुआ
Read Moreबौराई गेहूँ की काया, फिर से अपने खेत में। सरसों ने पीताम्बर पाया, फिर से अपने खेत में।। हरे-भरे हैं
Read Moreबच्चों को लगते जो प्यारे। वो कहलाते हैं गुब्बारे।। गलियों, बाजारों, ठेलों में। गुब्बारे बिकते मेलों में।। काले, लाल, बैंगनी,
Read Moreगैस सिलेण्डर कितना प्यारा। मम्मी की आँखों का तारा।। रेगूलेटर अच्छा लाना। सही ढंग से इसे लगाना।। गैस सिलेण्डर है
Read More“छोटा बस्ता हो आराम” मेरा बस्ता कितना भारी। बोझ उठाना है लाचारी।। मेरा तो नन्हा सा मन है। छोटी बुद्धि
Read Moreढंग निराले होते जग में, मिले जुले परिवार के। देते हैं आनन्द अनोखा, रिश्ते-नाते प्यार के।। चमन एक हो किन्तु
Read Moreमेरी गैया बड़ी निराली, सीधी-सादी, भोली-भाली। सुबह हुई काली रम्भाई, मेरा दूध निकालो भाई। हरी घास खाने को लाना, उसमें
Read Moreमन को बहुत लुभाने वाली, तितली रानी कितनी सुन्दर। भरा हुआ इसके पंखों में, रंगों का है एक समन्दर।। उपवन
Read Moreचिड़िया रानी फुदक-फुदक कर, मीठा राग सुनाती हो। आनन-फानन में उड़ करके, आसमान तक जाती हो।। मेरे अगर पंख होते
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