साजिशों का समंदर
बड़े करीब जाकर ये समझ आया हमको, कितना गहरा है साज़िशों का समंदर। कि अब तो डूब कर हासिल किनारा
Read Moreबड़े करीब जाकर ये समझ आया हमको, कितना गहरा है साज़िशों का समंदर। कि अब तो डूब कर हासिल किनारा
Read Moreपोछ देती है पसीना भी आँचल से मेरा मेरे हाथ लगाने से पहले, वो माँ है जो मेरी हर तकलीफ़
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