दोशाला
लो आ गया दिसंबर फिर सेतुम्हारी यादों का कोहरासुबह की पोटली में लिएदिनभर दोशाला बुनूंगीकी इस कोहरे की ठंड सेनिपट
Read Moreजब-जब देखो मौन मुझेतुम करना मुझसे बातेंसार्थक या निर्रथकबेतुकी या बचकानीपर करना मुझसे बातेंभले ही ना मुस्कऊँ मैंहामी भी ना
Read More