बिम्ब-प्रतिबिम्ब
मैं सिर्फ़ जीव शरीर और कर्म को जानता हूँ। ‘आत्मा’ नामक काल्पनिक बिंब के प्रति इत्तेफ़ाक नहीं रखता ! मैं
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Read More28 अगस्त ! उस शख़्सियत की जन्म-जयंती है, जिसे ‘राजेन्द्र यादव’ कहा जाता है, किन्तु बौद्धिक हॉरर वह अबतक बने
Read Moreनारी अपनी रक्षा करने में खुद समर्थ हैं ! कई वर्षों से बहनों को मैं ही राखी पहनाते आया हूँ
Read Moreये तो यही हुई, पानी माँगने पर राजा कहते हैं- कुंआ खोदा जा रहा है । ये माननीय अपने को
Read Moreएक चम्मच ‘खीर’ भी परोस सकता है, तो मटन या चिकेन भी ! वही हालत ‘चमचे’ की है, एक चमचा
Read Moreहम नारी को अबला-अबला कहते-कहते उन्हें कमजोर आँक रहे हैं और कायर बना रहे हैं! हम उन्हें कहीं आने-जाने की
Read More‘राष्ट्रीय संस्कृत दिवस’ यानी श्रावण पूर्णिमा यानी ‘राष्ट्रीय संस्कृत दिवस’ है। भारत सरकार ने 1968 में ऐसा निर्णय लिया था
Read Moreबिहार (मनिहारी) से विरार (मुम्बई) तक का सफ़र ! हिंदी फ़िल्मों में पहचान बनाने के सोद्देश्य हाईस्कूली मित्र श्री प्रभाष
Read Moreदिनांक 1 जनवरी 1979 को प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने बी. पी. मंडल को ‘पिछड़ा वर्ग आयोग’ का दूसरा अध्यक्ष नियुक्त
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