दफ्न होने को दो ग़ज़ ज़मीन है बहुत
इस कागज़ी बदन को यकीन है बहुत दफ्न होने को दो ग़ज़ ज़मीन है बहुत तुम इंसान हो,तुम चल दोगे
Read Moreइस कागज़ी बदन को यकीन है बहुत दफ्न होने को दो ग़ज़ ज़मीन है बहुत तुम इंसान हो,तुम चल दोगे
Read Moreमुझे संभालो कि मुझे गुमाँ हो गया मैं किसी चाँद का आसमाँ हो गया कितना सच्चा है प्यार मेरा देखिए
Read Moreइन लहजों ने कुछ तो छिपा रक्खा है कहीं आँधी कहीं तूफाँ उठा रक्खा हैआँखों के दरीचे में काश्मीर दिखे
Read Moreकौन होगा जिसे नहीं तेरी जुस्तजू होगी फ़िज़ा में दूसरा कहाँ ऐसा रंगों-बू होगा ये गुलाबों के लबों पे यूँ
Read Moreज़माने से हुई ख़बर कि मैं सुधर गयाफिर वो कौन था जो मेरे अंदर मर गयादूसरों की निगाहों से जो
Read Moreवो मुझे मेरी हद कुछ यूँ बताने लगाजो डूबा मेरे रंग में, बेहद बताने लगाइक आँधी चली और नेस्तोनाबूत हो
Read Moreकहीं पिघलना तो कहीं गलना है बहुत वो अदना औरत है उसे सँभलना है बहुत कहीं सीता तो कहीं पद्मावती
Read Moreये बच्चा सच बहुत बोलता है,यहाँ जी नहीं पाएगा ज़माने के मुताबिक इसे झूठ भी सिखलाइए जरा बेशुमार खुशी बयाँ
Read Moreअच्छी नौकरी,चमचमाती गाड़ी,आलीशान बंगला फिर भी बेचैन से रहते हैं कुछ तो था मेरी उस टूटी झोपड़ी में कि सूखी
Read Moreमेरे मोहल्ले में झूठ का बाज़ार आ गया है दरवाज़ा खोलके देखो,अखबार आ गया है जिन नन्हीं हथेलियों को खिलौनें
Read More