ग़ज़ल
हम उन की मजारों पर सर झुकाते रहे वो हमारे मन्दिरों को गिराते रहे। हम फूल कब्र पर चढाते रहे।
Read Moreशायद माँ को मेरी अब चिंता नही सताती है। इसलिए माँ अब मुझ को काजल नही लगाती है। बचपन में
Read Moreकवि होना सहज नहीं। कवि होने के लिए धरती सा धीरज चाहिए। समेट लेता है कवि सारे भावों को
Read More“वाह वाह क्या बात है” अखिल भारतीय कवि मंच द्वारा रंगपंचमी के पावन पर आयोजित ऑनलाइन अखिल भारतीय विराट कवि
Read Moreरिश्ते भी पकते है मेरी रसोई में। कुछ खटास में कुछ मिठास मिलाती है रसोंई भी। जब साथ बैठ हम
Read Moreदुखी है सारी दुनियां जापान से ले कर इंडिया ऑस्ट्रेलिया से ले कर अमेरिका बस फैला है कोरोना दुखी है
Read Moreधर्म को अपनाये, धर्म आप की रक्षा के लिए बना है। कल तक जो सनातन धर्म को अन्धविश्वासी और
Read Moreकोरोना से डरने की कोई बात नही है। छोटी सी बीमारी है इत्ती बडी बात नही है। फैलायी चीन ने
Read Moreअंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर संध्या चतुर्वेदी को मिले नारी रत्न और पॉजिटिव वुमन सम्मान पत्र। सिद्धि -एक उम्मीद महिला साहित्यिक
Read Moreआक्रमक भीड़ का कोई चरित्र नही होता। ये तो वो कठपुतली है जो नायक के इशारों पर नाचती है। पर्दे
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