कविता——‘मेरा मन’
एक फूल के सुखद एहसास सा है मेरा मन …….. आओ और महसूस करो इसकी भीनी खुश्बू……… मैं बिखेर दूंगी
Read Moreएक फूल के सुखद एहसास सा है मेरा मन …….. आओ और महसूस करो इसकी भीनी खुश्बू……… मैं बिखेर दूंगी
Read Moreये फूल खिल उठेंगे एक दिन नव किसलय सा … प्रभात की रश्मियों से होकर गुजरेंगी जब ……. सच बताऊँ,कवि
Read Moreसमय के आकाश में तुम जगमगाते तारों सा …… विश्वास और प्रेरणा की अनुपम सौगात …….. मन की अन्तरिम गहराइयों
Read Moreट्रेन रवाना होने वाली थी। पतिदेव ने रिजर्व सीट को ढूंढा। बेटा साथ में था। बेटियों का बेस्ट ऑफ लक कहना
Read Moreएक समय था जब, दिल में गूँजते थे प्रेम गीत मौसम सुहाना हो गया था , चहुंओर प्यार की खुशबू
Read Moreहे भारत के वीर तू क्यों नींद में पड़े बेखबर सो रहे हो …….? उठो,और आँखें खोलो देखो,प्राची-दिशा का ललाट
Read Moreतुम्हारी याद हर लम्हा ,हर वक्त मेरे अन्तर्मन के गलियारों में आकर जगाती है मुझे……… मैं खोलती हूँ जब भी
Read Moreप्रेम एक एहसास है ,या यूँ कहें कि प्रेम वह अवस्था है जब खुद से ज्यादा आप जिससे प्रेम करते
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