पिता
पिता मील पत्थर जो ,सचाई की राह बताते पिता पहाड़ जो ,जिंदगी के उतार-चढ़ाव समझाते पिता जोहरी जो ,शिक्षा के
Read Moreगानों की कल्पना, राग-संगीत के साथ गायन की मधुरता कानो में मिश्री घोलती साथ ही साथ मन को प्रभावित भी
Read Moreआम आदमी की थाली से गायब हो रहा पापड़ ,मसालेदार से ज्यादा मुनाफेदार हो गया पापड़ । सीधे बाजार से
Read Moreएक विश्वास का धागा जो दूर रहकर हर साल राह देखता रक्षाबंधन की ।दूर बसे,विदेशो में बसे ओर सीमाओं पर
Read Moreघर की बालकनी की खिड़की खोली बाहर का दृश्य देख मुंह से निकल पड़ा – देखो चीकू के पापा कितना
Read Moreशाम हुई थका सूरज पहाड़ो की ओट में करता विश्राम गुलाबी, पीली चादर बादल की ओढ़े पंछियो के कोलाहल से
Read Moreप्यार ऐसा ही होता धड़कन की चाल बढ़ सी जाती जाने क्यों जब तुम सामने से गुजरती आँखों में अजीब
Read Moreप्रेम की पाती लेकर आता था डाकिया पुकारता था नाम मेरा हिरणी सी चपलता लिए कर जाती थी चोखट को
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