कविता

दर्द

पेन का ढक्कन यदि गुम हो जाए
मन बेचैन हो जाता है
आमदनी कई गुना हो
और सोच की दूसरा खरीद लेंगे
मगर अपनापन
तो अपनापन ही रहता
कितने शब्द तरासे
कितना ही लेखा जोखा लिखा
ता उम्र तक पेन ने
संग तुम्हारे दुःख सुखों के संग
वो तुम्हारा मर्म जानती
मगर कह नहीं पाती
वो विचारों से करती रहती संघर्ष
जैसे स्त्री ससुराल की उत्पीड़नता को
कभी नहीं बताती अपने बाबुल को
झूठी हंसी लिए खुश रहती
घूम हने का तो दर्द पूछा जा सकता
मगर , डूबने का डूबने का दर्द किस्से छिपाए
डूबने /घूम हो जाने का दर्द सामान होता
मगर घूमी हुई चीजे अक्सर मिल जाती
डूबी हुई की केवल मिलती है यादें
और मिलते वेदना के स्वर
जो बाटे जाते है एक कहानी के तरह
एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी
संजय वर्मा ‘दृष्टी ‘
मनावर (धार )

*संजय वर्मा 'दृष्टि'

पूरा नाम:- संजय वर्मा "दॄष्टि " 2-पिता का नाम:- श्री शांतीलालजी वर्मा 3-वर्तमान/स्थायी पता "-125 शहीद भगत सिंग मार्ग मनावर जिला -धार ( म प्र ) 454446 4-फोन नं/वाटस एप नं/ई मेल:- 07294 233656 /9893070756 /antriksh.sanjay@gmail.com 5-शिक्षा/जन्म तिथि- आय टी आय / 2-5-1962 (उज्जैन ) 6-व्यवसाय:- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग ) 7-प्रकाशन विवरण .प्रकाशन - देश -विदेश की विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ व् समाचार पत्रों में निरंतर रचनाओं और पत्र का प्रकाशन ,प्रकाशित काव्य कृति "दरवाजे पर दस्तक " खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के 65 रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान-2015 /अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित -संस्थाओं से सम्बद्धता ):-शब्दप्रवाह उज्जैन ,यशधारा - धार, लघूकथा संस्था जबलपुर में उप संपादक -काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ :-शगुन काव्य मंच