शिक्षक दिवस मनाने का औचित्य?
भारत में 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की परंपरा चली आ रही है। परंपरा के पालन
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Read Moreहोली की शुभकामना, सब ही सबको देत। खा पीकर हुल्लड़ करें, नहीं किसी का फेथ।।1।। रंगों की बारिस करें, प्रेमी
Read Moreसभी प्रेम के गाने गाकर, नफरत चहुँ ओर लुटाते हैं। जीवन की कीमत पर देखो, धन और पद ये जुटाते
Read Moreक्या चरित्र की परिभाषा है? समझ नहीं कुछ भी आता है। कागज के टुकड़े से व्यक्ति, चरित्रवान बन जाता है।।
Read Moreचाह नहीं अब रही किसी की, सबने खेला खेल है। चाह नहीं है, हमें स्वर्ग की, नहीं जेल, अब जेल
Read Moreपैसा ही है, सार जगत का, पैसे से सब खेल है। पैसे खातिर हत्या होतीं, पैसे हित ही मेल है।।
Read Moreकर्म, विज्ञान, विश्वास है, निराशाओं का अंत। शोभा है गणतंत्र की, खिला हुआ है आज बसंत।। गणतंत्र नहीं सत्ता तक
Read Moreसर्दी से सब ठिठुर रहे हैं। मौसम को हम झेल रहे हैं। रूस यूक्रेन में युद्ध हो रहा, जीवन से
Read Moreमेरे भारत को क्या हो रहा है ? एक अपनी जिन्दगी के लिए, कईयों की जिन्दगी ले रहा है. मानव
Read Moreप्रेम पथिक हूँ, प्रेम ही पथ है, प्रेम ही है गंतव्य हमारा। प्रेम को नहीं, चाह प्रेम की, प्रेम ही
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