हर रूप में सदैव अनूठी हो
ब्रह्माणी सृजन करती हो, जीवन की तुम ही बूटी हो। माँ, बहन, पत्नी, प्रेमिका, हर रूप में सदैव अनूठी हो।।
Read Moreब्रह्माणी सृजन करती हो, जीवन की तुम ही बूटी हो। माँ, बहन, पत्नी, प्रेमिका, हर रूप में सदैव अनूठी हो।।
Read More१. पत्नी जब माता बने, मां का देते मान। पत्नी की ही शान है, मातृ दिवस बस गान।। 2. फोटो
Read Moreपल में तोला, पल में माशा, पल में मन बन जाता है। पल में बोला, पल में खोला, पल में
Read Moreजीवन का कोई नहीं ठिकाना, कैसे जीवन साथ चले? जीवन साथी नहीं है कोई, आओ कुछ पग साथ चलें॥ चन्द
Read Moreभारत में 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की परंपरा चली आ रही है। परंपरा के पालन
Read Moreहोली की शुभकामना, सब ही सबको देत। खा पीकर हुल्लड़ करें, नहीं किसी का फेथ।।1।। रंगों की बारिस करें, प्रेमी
Read Moreसभी प्रेम के गाने गाकर, नफरत चहुँ ओर लुटाते हैं। जीवन की कीमत पर देखो, धन और पद ये जुटाते
Read Moreक्या चरित्र की परिभाषा है? समझ नहीं कुछ भी आता है। कागज के टुकड़े से व्यक्ति, चरित्रवान बन जाता है।।
Read Moreचाह नहीं अब रही किसी की, सबने खेला खेल है। चाह नहीं है, हमें स्वर्ग की, नहीं जेल, अब जेल
Read Moreपैसा ही है, सार जगत का, पैसे से सब खेल है। पैसे खातिर हत्या होतीं, पैसे हित ही मेल है।।
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