स्वागत है
आओ मां स्वागत है,मेरे हृदय के मंदिर में,मन मानसिक स्वागत है,यह जीवन तुम्हारा है! जन्मा जब मां बनकर,तूने दी जीवनधारा
Read Moreयह धूप भी,बड़ी निर्दयी है,जरूरत होती है,तब नहीं निकलती है,जब जरूरत नहीं होती,तब आंँखें फाड़कर,देखा करती है,ठीक तुम्हारी तरह! आज
Read Moreएक खानदानी अमीर जिसके पिता और दादा ने चाँदी की थाली और सोने के चम्मच में खिलाया था। सेठ सोच
Read More