गीतिका/ग़ज़ल *सतीश बंसल 24/03/202524/03/2025 0 Comments इस दुनिया का नूर हैं हम इस दुनिया का नूर हैं हमबुल्ले, नानक, सूर हैं हम जोड़ रहे युग को युग सेरीति प्रथा दस्तूर हैं हम Read More
कुण्डली/छंद *सतीश बंसल 02/03/202527/02/2025 कुण्डली कवि लेखक आचार्य गुरु, पत्रकार सरकारआड़म्बर के पाप में, कितने भागीदारकितने भागीदार, करें किस किस का चर्चालिखते लिखते नाम, पड़ेगा Read More
गीतिका/ग़ज़ल *सतीश बंसल 19/02/202519/02/2025 ग़ज़ल गिरने की हर हद को पार करे है अबअपना ही अपनो पर वार करे है अब अपने औरा के साए Read More
गीतिका/ग़ज़ल *सतीश बंसल 23/01/202523/01/2025 ग़ज़ल भ्रम में डालेगा मन को उकसाएगालालच जब जागेगा पाप कराएगा जो भी अपनी हद के बाहर जाएगाअनचाही पीड़ा की जद Read More
गीतिका/ग़ज़ल *सतीश बंसल 02/12/202402/12/2024 ग़ज़ल उसने जब जब घावों पर नश्तर रक्खाहमने अपने सीने पर पत्थर रक्खा आया है अनहोनी की जद के भीतरजिसने ख़ुद Read More
गीतिका/ग़ज़ल *सतीश बंसल 08/11/202408/11/2024 ग़ज़ल मौत के बिन ही मर के मत बैठोहाथ पे हाथ धर के मत बैठो जब तलक जान शेष है तब Read More
गीतिका/ग़ज़ल *सतीश बंसल 04/10/202404/10/2024 ग़ज़ल बात जो मन की बताए वो हवा भी तो चलेकौन क्यूँ मुझसे ख़फ़ा है ये पता भी तो चले साँस Read More
गीतिका/ग़ज़ल *सतीश बंसल 26/09/202426/09/2024 ग़ज़ल कमज़ोरों की ख़ैर ख़बर क्यूँ ले कोईबैठे ठाले दर्दे सर क्यूँ ले कोई सब की अपनी अपनी ज़िम्मेदारी हैऔरों की Read More
गीतिका/ग़ज़ल *सतीश बंसल 27/05/202427/05/2024 ग़ज़ल किये आग़ाज़ जो सच की हिफ़ाज़त की लड़ाई सेमुसलसल लिख रहे हैं झूठ ज़र की रोशनाई से रियाया हर दफ़ा Read More
गीतिका/ग़ज़ल *सतीश बंसल 15/05/202415/05/2024 लालच ने इज्ज़त की मीनार गिरा दी लालच नेआँगन में दीवार उठा दी लालच ने ऐसी चिंगारी भड़की भौतिकता कीसम्बंधों में आग Read More