गीतिका/ग़ज़ल *सतीश बंसल 02/12/202402/12/2024 ग़ज़ल उसने जब जब घावों पर नश्तर रक्खाहमने अपने सीने पर पत्थर रक्खा आया है अनहोनी की जद के भीतरजिसने ख़ुद Read More
गीतिका/ग़ज़ल *सतीश बंसल 08/11/202408/11/2024 ग़ज़ल मौत के बिन ही मर के मत बैठोहाथ पे हाथ धर के मत बैठो जब तलक जान शेष है तब Read More
गीतिका/ग़ज़ल *सतीश बंसल 04/10/202404/10/2024 ग़ज़ल बात जो मन की बताए वो हवा भी तो चलेकौन क्यूँ मुझसे ख़फ़ा है ये पता भी तो चले साँस Read More
गीतिका/ग़ज़ल *सतीश बंसल 26/09/202426/09/2024 ग़ज़ल कमज़ोरों की ख़ैर ख़बर क्यूँ ले कोईबैठे ठाले दर्दे सर क्यूँ ले कोई सब की अपनी अपनी ज़िम्मेदारी हैऔरों की Read More
गीतिका/ग़ज़ल *सतीश बंसल 27/05/202427/05/2024 ग़ज़ल किये आग़ाज़ जो सच की हिफ़ाज़त की लड़ाई सेमुसलसल लिख रहे हैं झूठ ज़र की रोशनाई से रियाया हर दफ़ा Read More
गीतिका/ग़ज़ल *सतीश बंसल 15/05/202415/05/2024 लालच ने इज्ज़त की मीनार गिरा दी लालच नेआँगन में दीवार उठा दी लालच ने ऐसी चिंगारी भड़की भौतिकता कीसम्बंधों में आग Read More
गीतिका/ग़ज़ल *सतीश बंसल 26/03/202426/03/2024 ग़ज़ल तुझको जो करना है, करना है मौलाहम इंसानों के वश में क्या है मौला हमने देखे है मुर्दे जिंदा होतेसब Read More
गीतिका/ग़ज़ल *सतीश बंसल 21/02/202421/02/2024 ग़ज़ल जिनके मन में भय आशंका छल या द्वंद नही होतादुनिया के करने से उनका रस्ता बंद नही होता चाहे झूठे Read More
गीतिका/ग़ज़ल *सतीश बंसल 27/01/2024 दोहा गीतिका चाल चलन चेहरा करनी कथनी किरदारबदला वक्त बदल देता है क्या क्या यार जितनी बार मिलाया हाथ भरोसे सेहमने अक्सर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *सतीश बंसल 21/12/202321/12/2023 बाद भी कुदरती कहरों मुसलसल जलजलों के बाद भीज़िन्दगी रुकती कहाँ है हादिसों के बाद भी हौसलों की आप उनको दाद दो Read More