मुरझाएं आनन सुमन बने
मुरझाएं आनन सुमन बने अबके वसंत ऐसे आना। हर आँगन में उल्लास मने अबके वसंत ऐसे आना।। सब ठूठ हुई
Read Moreमुरझाएं आनन सुमन बने अबके वसंत ऐसे आना। हर आँगन में उल्लास मने अबके वसंत ऐसे आना।। सब ठूठ हुई
Read Moreखिला खिला ये रूप का गुलाब क्या कहना निगाह से छलक रही शराब क्या कहना दयार में कयी हसीन और
Read Moreकहीं भूख से बेदम बचपन कहीं जश्न में छलके प्याले। पत्थर होते इंसानों को इंसा करदे ऊपर वाले।। चकाचौंध वालों
Read Moreराजपथों ने दिया भरोसा तोड़ दिया है पगडंडी लाचार करे भी तो आखिर क्या ऊजड़ होते गाँव सूखते खलिहानो में
Read Moreचेतना दीजिये सादगी दीजिये, भावना दीजिये बंदगी दीजिये इस हृदय से तमस को मिटाकर हमें, हे प्रभो ज्ञान की रोशनी
Read Moreकिसी को ढूँढती दयार में रहीं आँखें तमाम उम्र इंतज़ार में रहीं आँखें बहा किसी की आँख से उदासियों का
Read Moreजो दिखाई दे रहा था अस्ल में वैसा न था अस्ल में जो था कभी हमने उसे देखा न था
Read Moreमर गया है किस कदर आँखों का पानी देखिये पुज रही है आदमी की बदग़ुमानी देखिये खौफ़ में हैं ख़ानदानी
Read Moreयूँ ज़रूरत तो हमारी भी किसी से कम नही साथ लेकिन हम हवाओं के बहें तो हम नही नफ़रतों की
Read Moreकर्म पर जब से मुझे विश्वास करना आ गया हार में भी जीत का आभास करना आ गया ज़िन्दगी भी
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