भूख, रोटी और सीख
परिस्थितियाँ समयानुसार बदल जाया करती हैं। यह उक्ति प्रत्येक के व्यक्तिगत जीवन के संदर्भ में फिट बैठती है। अन्यथा सामुदायिक
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Read Moreक्यों मन धधके बन कर गोला फुफकारे क्यों फूल चमन का, क्योंतृण-तृण सह पत्ता डोला? स्थिर सिंधु में हलचल क्यों
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