गीत
दिन को दिन लिख दूं मैं, लेकिन किस किस को अंधियारा लिख दूं एक अमावस मन मे बैठी बनी कामनाओं
Read Moreजब मैंने सोचा कि मैं मीराबाई पर किताब लिखूं तो एक दृश्य मेरे मन में आया… आज की मीरा कैसी
Read Moreदोस्तों हमारे देश में चुनाव खत्म हो चुके हैं, नेताओं की आवाजाही, प्रचारों का हो हल्ला, मुद्दों की बातचीत, हंगामे,
Read Moreस्कूल के दिनों से बेहतरीन यादें किसी के जीवन में दूसरी भी हो सकती हैं इसकी कल्पना करना मुश्किल है! हम
Read Moreजब आपकी बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है और आप पूरी तरह से अपने दिमाग से संतुलन खो देते हैं असल
Read Moreआज कुछ प्रज्ज्वाल लपटें उठ रही हैं मन के अंदर आज कुछ कंपित हुआ है जैसे भीतर का समंदर टूटते
Read Moreकरो संकल्प साधना जैसे पर्वत का संकल्प है अटल ही रहना जैसे नदियों का संकल्प है कल कल बहना पुष्प
Read Moreअंधियारी रातों में आजकल कविता देर रात तक जागती है, जुगनू के प्रकाश सी चंचल शब्दो की माला तरंगित हो
Read Moreजगमग जगमग दीप जल उठे देवलोक से पुष्प बरसते अभिनन्दन की इस बेला में दर्शन को हैं प्राण तरसते वंदन
Read Moreघनघोर घनन इस आंधी में तट पार दिखाई नहीं देता भारत माता की जय में जयकार सुनाई नही देता लूथड
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