दोगलापन
दोगलेपन की भरमार बहुत दुश्मनों की खरपतवार बहुत लोग बहुत से शर्तो पर ही जीते दरो -दीवार में हैं दरार
Read Moreदेश का तो पता नहीं पर सुना है हमारे शहर आगरा में ही कईngo हैं, फिर भी इतने गरीब सड़को
Read Moreजिस घर में जन्म लिया उसी घर में बेटियों का कोई महत्व नहीं होता है| माना आधुनिक युग में पढ़ाते-लिखाते
Read Moreसपने जो अच्छे सुनहले हो उन्हें दिल से लगा लीजिये बुरे स्वप्न को एक स्वपन ही समझ भुला दीजिये जिनका
Read Moreगलतियों की मांफी अपनों से ही मांग अटूट करते है रिश्ता धन्यवाद भी कह नही आँका जा सकता कोई रिश्ता
Read Moreखुद की उलझनों में उलझ कर प्रभु को भूल जाना इंसानी फितरत तो ना थी जब जब उलझता है सुलझने
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