तेरे रंग
गुनगुनाती दुपहरी ढ़ल चुकी,आ गयी सर्द सघन यामिनी।मृण्मयी नैनों में इंतजार लिए,प्रतीक्षारत विकल कामिनी। काले कुंतल अब हँ स रहे,आनन
Read Moreआज तूलिका है स्तब्धकह रही हाय!राम धत्त। आज स्याह रंग भीरक्त है उगल रही,पूछती है सभी सेक्या अब भी वही
Read Moreयह जो चेहरे पर रेखाएँ हैंकलाकृति और चित्रकारी हैस्वतः ही तराशी गईं शिल्पकार कीसमाहित हैं शिल्प कई सदी के। एक-एक
Read Moreसुना है की वो! आजकल हैं शहर मेंकहता है दिल की मुलाकात होगी,मिलेंगे दो नैना जो उनकी नयन सेतो संभव
Read Moreमन रहता बदहवास सा तेरे बगैर अब,लगे बुझी बुझी सी शाम तेरे बगैर अब। खिड़की से ताकते रहते सुदूर चांद
Read Moreमेरा ये भावहै तेरा प्रभाव,बिन तेरे जैसेलागे आभाव। कैसा लगाव,कितना जुड़ाव,थके पथिक कोमिले शीतल छाँव। कभी ऐसा लगेजैसे गये थे
Read Moreजी करता है जाने तुझको,कैसी थी तुम बचपन में।चञ्चल थी या चुप चुप रहतीसच कह क्या अंतर्मन में। कितना मुश्किल
Read Moreचारुलता चञ्चल चितवनकजरारे से कमल नयनकाले केश घुँघरालेरमणी धारती पित वसन। किंकिनी बजती छन छननइठलाती चले नूपुर पहनहो जाते सब
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