यादों का पन्ना…..
आज नंदिनी काफ़ी पुराने यादों में ना जाने क्यों उलझ गई, या यूँ कह सकते हैं इस उलझन को सुलझाना
Read Moreआज नंदिनी काफ़ी पुराने यादों में ना जाने क्यों उलझ गई, या यूँ कह सकते हैं इस उलझन को सुलझाना
Read Moreन जाने उस बक्से में क्या, रख देती थी मेरी मां।जब भी उसको खोले तब तब, मुस्का देती मेरी मां।।
Read Moreजरा सुन सखे इस निलय में,एक दीप प्रेम का जलाओ,बाती की भाँति जलूँ प्रिये ,बनकर शलभ तुम आ जाओ निमीलित
Read Moreमेरे संग जो तुमने की हैं जफ़ाएं,तेरे संग हम तो वफा ही करेंगे,गर तेरी रज़ा है ख़ता ही करोगे,तो फिर
Read Moreसब ने उसको है चाँद कहा,अधरों को सुर्ख गुलाब कहा,कुंतल उसकी नागिन सी लगीसुन कर रह जाती है वह ठगी,सौंदर्य
Read Moreहम रोज अपने सोसाइटी जमशेदपुर स्थित टेल्को घोराबंधा आलोक विहार में फूल चुनने जाते हैं। फूल चुनने के क्रम में
Read Moreपीस देती जीवन चक्की मेंअपने सारे सुनहरे स्वप्न,फिर भी त्याग कर उनकोमिलती उसे खुशियाँ अनंत। कई बार पीस जाती उसमेंउनकी
Read Moreकेलवा के पात पर उग लन सुरुज देव….. आखिरकार माँ भगवती अपने धाम पहुँच गईं। भारी मन से लोगों ने
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