तुम मेरे उतने ही अपने
तुम मेरे उतने ही अपने जितना अंबर अवनी का, जितना सागर नदिया का, चलते रहते वह साथ-साथ, पा लेने की
Read Moreतुम मेरे उतने ही अपने जितना अंबर अवनी का, जितना सागर नदिया का, चलते रहते वह साथ-साथ, पा लेने की
Read Moreबात अगर असीमित और अनंत की करें तो हमारी धरती माता और गगन के अलावा, कुछ भी असीमित और अनंत
Read Moreवर्षों की तपस्या का आज मिला है पावन फल| सत्य की होती है जीत बाकी सब निरर्थक निष्फल| आज सनातनी
Read Moreसुन सखे इस निलय में, एक दीप प्रेम का जलाओ, बाती की भांति जलूं अब, बनकर शलभ तुम आ जाओ|
Read Moreसुनता जा ओ निर्मोही पथिक देख-देख तूने क्यों किया भ्रमित? यह लोचन अब ढूंढे हैं तुझको मुझे बिसार कर क्या
Read Moreमौन से तेरी हो रही थी बातें, जैसे शुष्क हृदय में जज्ब हों बरसातें| भीग गई बारिश में कुंतल तेरे
Read Moreजो आ जाऊँ तो मूक उधर जाने को कह दूँ तो बेखबर, कैसे समझूँ जज्बात प्रिय किस विध
Read Moreअब हो गई है मुद्दत, उफ्फ यह जद्दोजहद, राष्ट्रभाषा बनाने की परिश्रम और यह शिद्धत| हूँ बहुत ही शर्मसार, लगता
Read Moreक्या हुआ बेटा? कुछ चाहिए? अपनी चुन्नी हटाते हुए नंदिनी ने कहा| नंदिनी ने उस बच्ची से कहा फिर वापस
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