वीरों की सौगंध
लेते हैं सौगंध आज हम, माता तेरे वीरों की,देकर प्राण हुए बलिदानी, वो खानें थी हीरों की। उनके पदचिन्हों पर
Read Moreलेते हैं सौगंध आज हम, माता तेरे वीरों की,देकर प्राण हुए बलिदानी, वो खानें थी हीरों की। उनके पदचिन्हों पर
Read Moreस्मृतियों के स्वर्णकलश में, पुष्पित गुच्छ हजार मिले, कुछ मुस्काते कुछ मुरझाए, स्वप्निल मृदु आगार मिले। मौन साधकर कुछ बैठे
Read Moreमैं हूँ वह जलधार प्रिये जिसे बांध नहीं तुम सकते हो, मैं ही वो आंधी का झोंका साध नहीं तुम
Read Moreपापा मैं गुड़िया हूँ तुम्हारी गर्व और पहचान हूँ,खेल खिलौने साथी मेरे कोमल और नादान हूँ।शीतल छाया माँ की मुझको
Read Moreसजा के गीत होंठो पर गमों को भूल जाना है,दीपक से नहीं तारों से जग को जगमगाना है।सरलता से हृदय
Read Moreस्वेद के बिन्दु चम चम चमकते हुए,श्रम की कहते कहानी चहकते हुए।चीर भूधर बहाई है सलिला विमल,सागरों में भी खोजे
Read Moreहाथ का कमाल है कि बोलते पत्थर, भाग्य निर्बल का भी खोलते है पत्थर। भगीरथ सा कोई करता श्रम का
Read Moreआज हृदय की धड़कन मेरी ठहर गई चुपचाप,ध्यान दिया जो मैंने तो करती करुण विलाप।कहती बहुत भार दे डाला अब
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