लघुकथा – भविष्य
जाने माने भविष्य वक्ता के घर पर अपना भविष्य जानने के लिए युवाओं की लाइन लगी थी।उसी लाइन में पैंसठ
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Read Moreसुबह से ही फोन घनघना रहे थे।निशा फोन पर बातें करते -करते जैसे थक सी गई थी।सारे नाते-रिश्तेदारों के फोन
Read Moreरेणू और उसकी सहेलियां उस विवाह समारोह में सजी-धजी हुईं सेल्फ़ी ज़ोन ढूंढ रही थीं।
Read More“सौम्या, तुम इतनी सादी साड़ी और साधारण मेकअप में साहित्यिक कार्यक्रम में जाओगी? तुम्हारे कहानी संग्रह का आज विमोचन भी
Read Moreसुमित्रा कपड़े धोते-धोते थक गई थी।पल भर को सुस्ताने वह कुँए की मुंडेर पर बैठ गई। तभी सुमित्रा की बहू
Read Moreपुत्र अक्सर देखता कि पिता एक ही कमीज को धो-धोकर पहन रहे हैं। कमीज काफी पुरानी हो गई है। पिता
Read More“बहू,सुई में धागा डाल दोगी क्या?” सत्तर बरस की बूढ़ी सास ने बहू से कहा। “ओह!अभी आपको इस उम्र में
Read Moreमुन्नू उदास निगाहों से पटाखें चलाते हुए बच्चों को देख रहा था।आज दीपावली का दिन था। सब बच्चे नये-नये कपड़ों
Read Moreनीता और शेखर का रिश्ता पक्का हो गया था।रिश्ता पक्का होने से दोनों परिवार बहुत प्रसन्न थे।सगाई और शादी की
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