कहानी – हमारा घर
सुमित्रा कपड़े धोते-धोते थक गई थी।पल भर को सुस्ताने वह कुँए की मुंडेर पर बैठ गई। तभी सुमित्रा की बहू
Read Moreसुमित्रा कपड़े धोते-धोते थक गई थी।पल भर को सुस्ताने वह कुँए की मुंडेर पर बैठ गई। तभी सुमित्रा की बहू
Read Moreपुत्र अक्सर देखता कि पिता एक ही कमीज को धो-धोकर पहन रहे हैं। कमीज काफी पुरानी हो गई है। पिता
Read More“बहू,सुई में धागा डाल दोगी क्या?” सत्तर बरस की बूढ़ी सास ने बहू से कहा। “ओह!अभी आपको इस उम्र में
Read Moreमुन्नू उदास निगाहों से पटाखें चलाते हुए बच्चों को देख रहा था।आज दीपावली का दिन था। सब बच्चे नये-नये कपड़ों
Read Moreनीता और शेखर का रिश्ता पक्का हो गया था।रिश्ता पक्का होने से दोनों परिवार बहुत प्रसन्न थे।सगाई और शादी की
Read Moreपूरे दो वर्ष बीत गए हैं, विभा अपने मायके नहीं गई है। आज भतीजे के मुंडन का आमंत्रण मिला है।इस
Read Moreविवाह में मिले हुए उपहार को प्रभा के ससुराल वाले बड़ी उत्सुकता पूर्वक
Read Moreफेसबुक पर फेसबुक फ्रेंड रोहित जी से मिसेज सुषमा चैटिंग कर रहीं थीं।
Read Moreरानू का रिपोर्ट पॉजिटिव था।दो दिनों से उसे सर्दी -खांसी थी। ऑफिस में उसकी सहकर्मी को
Read Moreउसका जन्म हुआ होगा तो शायद उसके घर वाले जरुर मातम मनाये होंगे। ईश्वर ने उसे जरूर इस धरती पर
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