नया साल
तारीखें व साल बदल जाते हैं, लोग जैसे थे वैसे ही रह जाते हैं। 22 के दिसंबर जी अलविदा कह
Read Moreउलझ सी गई है अब जिंदगी, पल दो पल में ये जो अंतराल आया । मुठिया भींच सी गई जिंदगी
Read Moreक्यों दुष्कर्मों की फैली ये चिंगारी है , तभी मुश्किल में आज की नारी है । क्यों ये पिशाच बने
Read Moreहाव-भाव संवाद की रचना जन-जन की अपनी है भाषा, सतरंगी परिधान का सपना आपसी समन्वय की परिभाषा। मायङ भाषा कभी
Read Moreदेखो बहुत सह लिए उसने जुल्मों-सितम, अब आत्मरक्षा की ख़ातिर नारी वीरांगना कहलाएगी। अपने आत्म सम्मान के बचाव में नारी,
Read Moreनव दुर्गा मात की महिमा है अपरंपार, नौ रूप है शक्ति तेरे जग की तू है पालनहार । सुनहरे रंगो
Read Moreकोशिश करना मुश्किल है नामुमकिन कुछ न हो पाएगा । राह मिले ना भले तुझे पर पथ पे आगे बढ
Read Moreकमजोर नहीं कोमल हो तुम, शक्ति रूपी निर्मल ज्योत हो तुम। इक पति की बढाती शान हो तुम, इक पिता
Read Moreमुश्किल भरे लम्हों में भी जो हमेशा साथ निभाती है। गलती होने पर भी हल्के से मुस्कुरा के जाती है
Read Moreपल पल बीत गया इस वर्ष को सहेज कर यादों में । नव वर्ष का हदय से करे स्वागत महकती
Read More