फौज़ी
ऐ सैनिक,फौज़ी,जवान, है तेरा नितअभिनंदन। अमन-चैन का तू पैगम्बर,तेरा है अभिवंदन।। गर्मी,जाड़े,बारिश में भी,तू सच्चा सेनानी अपनी माटी की रक्षा
Read More(1) नारी से शोभा बढ़ती है,नारी फर्ज़ निभाती है। नारी कर्म सदा करती है,नारी द्वार सजाती है।। सबको कब यह
Read Moreहर नारी नित माँगती,कायम रहे सुहाग। युगों-युगों पलता रहे,जीवन में अनुराग।। नारी करवा पूजकर,माँगे यह वरदान। हे !माता देना सदा,पति
Read Moreअपने अध्यक्षीय उद्बोधन में म.प्र. के साहित्यकार प्रो(डॉ).शरद नारायण खरे ने कहा कि ” लघुकथा को कालदोष से बचाया जाना
Read More“जब तक हम मां दुर्गा की प्रतीक “नारी” को पूरा सम्मान नहीं देते, नारी को अपने जीवन की शक्ति नहीं
Read Moreभागा सुख को थामने,दिया न सुख ने साथ। कुछ भी तो पाया नहीं ,रिक्त रहा बस हाथ।। रिक्त रहा बस
Read More(1) नारी से शोभा बढ़ती है,नारी फर्ज़ निभाती है। नारी कर्म सदा करती है,नारी द्वार सजाती है।। सबको कब यह
Read Moreनारी का हमारे समाज मे सबसे महत्वपूर्ण स्थान है,क्योंकि उसके बिना कोई भी पुरुष पूर्ण नहीं है।
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