नारी तेरे कितने रूप-विषय पर परिचर्चा
“जब तक हम मां दुर्गा की प्रतीक “नारी” को पूरा सम्मान नहीं देते, नारी को अपने जीवन की शक्ति नहीं
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Read Moreभागा सुख को थामने,दिया न सुख ने साथ। कुछ भी तो पाया नहीं ,रिक्त रहा बस हाथ।। रिक्त रहा बस
Read More(1) नारी से शोभा बढ़ती है,नारी फर्ज़ निभाती है। नारी कर्म सदा करती है,नारी द्वार सजाती है।। सबको कब यह
Read Moreनारी का हमारे समाज मे सबसे महत्वपूर्ण स्थान है,क्योंकि उसके बिना कोई भी पुरुष पूर्ण नहीं है।
Read Moreदिल के स्पंदन में बसता है,प्रियवर का बस नाम। रात-दिवस हो,कोई बेला,प्रियवर तुम अभिराम।। स्पंदन के हर स्वर गाते,नित तेरा
Read Moreगंगा मइया तुम हो पावन,तुम तो हो सबकी मनभावन। तुम हर लेतीं सबके दुख को,देतीं हो फिर सबको सुख को।।
Read More(शिक्षक दिवस पर) वंदन है,नित अभिनंदन है, हे शिक्षक जी तेरा । फूल बिछाये पथ में मेरे,सौंपा नया सबेरा ।।
Read Moreदिव्य दिवाकर,नाथ प्रभाकर,देव आपको,नमन करूँ। धूप-ताप तुम,नित्य जाप तुम,करुणाकर हे!,तुम्हें वरूँ।। नियमित फेरे,पालक मेरे,उजियारा दो,पीर हरो। दर्द लड़ रहा,पाप अड़
Read Moreनग़मे गाती है सुहाग के,सजी देह जो मेंहदी। जिसमें रौनक बसी हुई है,हरदम नेहिल मेंहदी।। जोड़ा लाल सुहाता कितना, बेंदी,टिकुली
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