विज्ञान के दोहे
ख़ूब रचा विज्ञान ने,सुविधा का संसार। जीवन में सुख भर गया,दिखता जीवन-सार।। आना-जाना,परिवहन,लेन-देन,संचार। नए सभी कुछ हो गए,शिक्षा अरु व्यापार।।
Read Moreख़ूब रचा विज्ञान ने,सुविधा का संसार। जीवन में सुख भर गया,दिखता जीवन-सार।। आना-जाना,परिवहन,लेन-देन,संचार। नए सभी कुछ हो गए,शिक्षा अरु व्यापार।।
Read Moreथी दीवानी श्याम की,मीरा जिसका नाम। जो युग-युग को बन गई,हियकर अरु अभिराम।। पिया हलाहल,पर अमर,पाया इक वरदान। श्रद्धा से
Read Moreजीवन में संवेदना,लाती है मधुमास। अपनाकर संवेदना,मानव बनता ख़ास।। संवेदित आचार तो,है करुणा का रूप।। जिससे खिलती चाँदनी,बिखरे उजली धूप।।
Read Moreथी वीरों की वीर निराली,वह रानी मतवाली थी। जिसका साहस,शौर्य प्रखर था,संग भवानी-काली थी।। उस झाँसी की सेनानी की,सारे ही
Read Moreभारत नित ही विश्वगुरू है,देता सबको ज्ञान, संस्कार भारत के पाते,सबसे ही सम्मान। नीति और नैतिकता मोहक,हम सबसे सुंदर, पश्चिम
Read Moreरोदन करती आज दिशाएं,मौसम पर पहरे हैं ! अपनों ने जो सौंपे हैं वो,घाव बहुत गहरे हैं !! बढ़ता जाता
Read Moreबिगड़ा है पर्यावरण,बढ़ता जाता ताप । ज़हरीली सारी हवा,कैसा यह अभिशाप ।। पेटरोल,डीजल खपें,बिजली जलती ख़ूब । हरियाली नित रो
Read More(1) भारत माँ का लाल हूँ,दे सकता हूँ जान। गाता हूँ मन-प्राण से,मैं इसका यशगान। आर्यभूमि जगमग धरा,बाँट रही उजियार,
Read Moreहे त्रिपुरारी,औघड़दानी,सदा आपकी जय हो। करो कृपा,करता हूँ वंदन,यश मेरा अक्षय हो।। तुम तो हो भोले भंडारी, हो सचमुच वरदानी
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