दोहे : जल
जल जीवन, जल सांस है, जल से बुझती प्यास ! जल से ही मुस्कान है, जल से ही है हास
Read Moreनिःसंदेह वर्तमान में फेसबुक व व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया के माध्यमों में परस्पर परिचय,मित्रता,आत्मीयता व जानकारियों के साथ ही भावनाओं
Read Moreपेड़ लगाओ पेड़ बढाओ पेडों से मधुवन है । पेड़ सांस हैं पेड़ आस है पेडों से जीवन है ।
Read Moreसूरज आतिश बन गया,तपे नगर औ” गांव ! जीव सभी अकुला उठे,ढूंढ रह सब छांव !! सूरज का आक्रोश है,बिलख
Read Moreनीर लिए आशा सदा,नीर लिए विश्वास ! नीर से सांसें चल रही,देवों का आभास !! अमृत जैसा है “शरद”, कहते
Read Moreमातु शारदे, नमन् कर रहा, तेरा नित अभिनंदन है ! ज्ञान की देवी, हंसवाहिनी, तू माथे का चंदन है !!
Read Moreरंगों के सँग खेलती,एक नवल- सी आस ! मन में पलने लग गया,फिर नेहिल विश्वास !! लगे गुलाबी ठंड
Read Moreदुनिया कैसी हो गई, कैसे हैं अब लोग ! पूजा से सब दूर हैं, चाहें केवल भोग !! सेवक
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