कलम का गीत
कलम बने तलवार तभी तो बात बनेगी। काटे अत्याचार ,तभी सौगात बनेगी ।। कलम वही जो झूठ,कपट पर नित हो
Read Moreकलम बने तलवार तभी तो बात बनेगी। काटे अत्याचार ,तभी सौगात बनेगी ।। कलम वही जो झूठ,कपट पर नित हो
Read Moreसूरज आतिश बन गया,गर्मी के आ़याम। कैसे कटें पहाड़ दिन,ढूँढें सब आराम।। घर के भीतर हैं घुसें,दिन बन गये पहाड़।
Read More“क्या हुआ? “ “लक्ष्मी आई है। “ “खाक लक्ष्मी आई है।तीसरी बार भी लड़की ही।” और,सासू मां ने अनीता को
Read More“अरे अमित तुम अचानक कैसे?और तुम्हारे साथ ये लड़की कौन है?” अमित के मामा ने अचानक हज़ार किलोमीटर दूर रहने
Read Moreसंत ज्ञान, तप, योग से, रचते जीवन-सार। राह दिखा, आलोक दें, परे करें अँधियार।। संत नित्य ही निष्कलुष, सदा आचरण
Read Moreमंडला–पल्लव काव्य मंच के पटल पर आयोजित आज के कवि सम्मेलन में काव्य पाठ हेतु आमन्त्रित भारत के अनेक राज्यों
Read Moreसंवत्सर आया नया,गाने मंगल गीत । प्रियवर अब दिल में सजे,केवल नूतन जीत ।। उसकी ही बस हार है,जो माना
Read Moreछल-बल में क्या रखा,ये लाते दुष्परिणाम। पतन सुनिश्चित ये करें,हैं दुख के आयाम।। छल-बल मात्र प्रपंच हैं,बचना इनसे आज। वरना
Read Moreयुवाशक्ति को है नमन्,जो रचती इतिहास। हो हिमगिरि-सा दृढ़ युवा,ऊँचा ज्यों आकाश।। युवा उठे तो हो सृजन,विचले तो विध्वंस। युवा
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