ठंड पर चौकड़िया छंद
(१) ठंडी की तो रुत है आई,माँगें सभी रजाई। मौसम ने मारा है सबको,व्याकुल दद्दा-माई।। हवा चल रही बेहद शीतल,देते
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Read Moreमंडला-मंज़िल ग्रुप साहित्यिक मंच(मगसम)की साहित्यिक रथयात्रा श्री सुधीर सिंह सुधाकर जी के नेतृत्व में देश के विविध स्थानों में साहित्यिक
Read Moreमानवता का धर्म निभाना।ख़ुद को चोखा रोज़ बनाना।। बुरे सोच को दूर भगाना।प्रेमभाव को तुम अपनाना।।(1) दयाभाव के फूल खिलाना।पर-उपकारी
Read Moreबचपन की यादें सजीं ,ले मीठे अहसास । बचपन के दिन थे सुखद ,सचमुच बेहद ख़ास ।। दोस्त-यार सब थे
Read More(1) धरती माता लाड़ का,है असीम भंडार। संतति की सेवा करे,है सुख का आगार।। है सुख का आगार,धरा है सुख
Read Moreमंडला-बुलंदी साहित्यिक समिति बाजपुर, ऊधमनगर (उत्तराखंड) के द्वारा 350 घंटे का सतत् ऑनलाइन ज़ूम कवि सम्मेलन आयोजित किया गया है,जिसका
Read Moreप्रखर रूप मन भा रहा,दिव्य और अभिराम। हे ! गुरुवर तुम हो सदा,लिए विविध आयाम।। गुरुवर तुम हो चेतना,हो विवेक-अवतार।
Read Moreनव ख़बरों को साथ ले, आता है जो रोज़। सुबह उसी अख़बार की, हम करते हैं खोज।। दुनिया भर के
Read Moreजीवन को गतिशील बनाकर, बाधाओं से लड़ना होगा। मन को देकर नवल ताज़गी, अवसादों से भिड़ना होगा।। निज सूरज को
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