जड़ की कसक
पूछा है शाखों से जड़ों ने, हम बिन चैन क्या पाओगे? सूख गए जो प्राण हमारे, क्या तुम फिर मुसकाओगे?
Read Moreपूछा है शाखों से जड़ों ने, हम बिन चैन क्या पाओगे? सूख गए जो प्राण हमारे, क्या तुम फिर मुसकाओगे?
Read Moreहम अपने दुश्मनों को भी, गले हँसकर लगाते हैं, हुनर दुनियाँ में जीने का, चलो तुमको सिखाते हैं। जो कायल
Read Moreअंधे करते बात यहाँ पर , चश्मदीद गवाही की झूठों के मुँह बात सुनी है, हमने यहाँ सचाई की। भेद
Read Moreअकड़ दीप की देख के मैंने, प्रश्न एक जब उससे पूछा- “किस कारण तू झूम रहा है, किए हुए सिर
Read Moreएक शिक्षक होने के नाते कहता हूँ कि मुझे अपने प्रजातांत्रिक देश की शिक्षाप्रणाली का वह अंग सबसे अधिक पसंद
Read Moreमैं एक असामाजिक-तत्व हूँ, क्योंकि न शराब पीता हूँ और ना ही चाय। चार लोगों में बैठने लायक आदमी नहीं
Read Moreइस समय रात के दो बज रहे हैं और पिछले एक घंटे से एक कीड़ा लगातार मुझे काट रहा है-
Read Moreगाय, एक पालतु प्राणी है। इसका उपयोग भारत में समय-समय पर हिन्दू और ‘मुसलमान के बीच दंगे करवाने के लिए
Read Moreआइए प्रधानमंत्री जी! आपका स्वागत है। शुभस्वागतम्!! आज आपका आगमन मेरे शहर की सड़कों का चित्र और चरित्र बदलने जा
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