मुक्तक/दोहा डॉ. शशिवल्लभ शर्मा 09/05/202023/05/2020 मुक्तक मेरे अन्तर्हृदय की भावना को जान लेती है मेरे शब्दों से पहले तू मुझे पहचान लेती है ममता वेदना सम्वेदना Read More
मुक्तक/दोहा डॉ. शशिवल्लभ शर्मा 08/05/202008/05/2020 मुक्तक आत्मानंद के पल में सदा ही ध्यान होता है, ध्यान की ही अतल गहराई में विज्ञान होता है, डूब जाना Read More
हास्य व्यंग्य डॉ. शशिवल्लभ शर्मा 06/05/2020 व्यंग्य : दादा ने दारू पीकर निभाया अपना राष्ट्र धर्म डिनर करने के बाद हम प्रतिदिन की तरह बॉलकनी में बैठे बैठे मोबाइल पर फेसबुक नोटिफिकेशन देख रहे थे तभी Read More