‘चार्वाक’ को पैदा करने के लिये हम ही जिम्मेदार हैं
धर्मगुरुओं द्वारा जब -जब धर्म, अध्यात्म, योग, कर्मकांड की आड में पाखंड, ढोंग, शोषण, भेदभाव, ऊंच -नीच का गंदा खेल
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Read Moreआजकल इन तीन शब्दों को खूब मजाक का विषय बना दिया गया है तथा दुःखी हृदयों से लोगों की सहज
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Read Moreप्रेम हमारी शैली है, प्रेम ही जीवन-दान । कुछ भी कर दें प्रेम-हित, छोड़ अहम् अभिमान ।।1 एक प्रेम के
Read Moreनया मुकाम, अनजानी राहें। संग उत्साह मिले वो जो चाहें।। नई सोच, इरादा बुलन्द है। यह जीवन लगे बस एक
Read Moreधर्म हो या अध्यात्म हो या योग हो या अन्य कोई ऐसा क्षेत्र हो कि जो भौतिक जगत् से परे
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