क्या श्रीमद्भगवद्गीता में सभी समस्याओं का समाधान मौजूद है?
आजादी के पश्चात् हमारे धर्माचार्यों को भी धर्म की अपेक्षा राजनीति में रस अधिक लग रहा है! इसीलिये तो धर्माचार्य
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Read Moreधर्मगुरुओं द्वारा जब -जब धर्म, अध्यात्म, योग, कर्मकांड की आड में पाखंड, ढोंग, शोषण, भेदभाव, ऊंच -नीच का गंदा खेल
Read Moreआजकल इन तीन शब्दों को खूब मजाक का विषय बना दिया गया है तथा दुःखी हृदयों से लोगों की सहज
Read Moreसीधे -साधे संत प्रवृत्ति के करुणावान लोग दूसरों के लिये अच्छा बनने के फलस्वरूप खुद के लिये बुरे बन जाते
Read Moreप्रेम हमारी शैली है, प्रेम ही जीवन-दान । कुछ भी कर दें प्रेम-हित, छोड़ अहम् अभिमान ।।1 एक प्रेम के
Read Moreनया मुकाम, अनजानी राहें। संग उत्साह मिले वो जो चाहें।। नई सोच, इरादा बुलन्द है। यह जीवन लगे बस एक
Read Moreधर्म हो या अध्यात्म हो या योग हो या अन्य कोई ऐसा क्षेत्र हो कि जो भौतिक जगत् से परे
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