गजल
जाने कैसे टूट बिखर जाते हैं जमाने में लोग,यारा हम तो लहर हैं समंदर से लौट जाते हैं । शहर
Read Moreतुम हो जब तक तभी तक आनंद मेरा,तुम आई तो जीवन में आया नया सबेरा ।थकी -थकी सी जिन्दगी दर्द
Read Moreसावन की फुहारें यादों को, बोझिल हो सपनों में सताये। टिप टिप बरखा की बुन्दें भी, दिल में हलचल खुब
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