गीतिका/ग़ज़ल शिवनन्दन सिंह 18/02/202518/02/2025 0 Comments गजल हर पल दर्शन को तरसे पागल नयना मेरे,तुम हो शायद इस भ्रम में रहते नयना मेरे । जीवन के कितने Read More
गीतिका/ग़ज़ल शिवनन्दन सिंह 27/12/202427/12/2024 गजल जाने कैसे टूट बिखर जाते हैं जमाने में लोग,यारा हम तो लहर हैं समंदर से लौट जाते हैं । शहर Read More
गीत/नवगीत शिवनन्दन सिंह 20/08/202420/08/2024 थामे जब तक हाथ मेरा तुम हो जब तक तभी तक आनंद मेरा,तुम आई तो जीवन में आया नया सबेरा ।थकी -थकी सी जिन्दगी दर्द Read More
गीतिका/ग़ज़ल शिवनन्दन सिंह 19/03/202419/03/2024 गज़ल ना मैं हारूँगा, ना मेरा इश्क हारेगा , न कभी हवा रूकी ,न सूरज थकेगा। मकान के चिरागों को हवा Read More
गीतिका/ग़ज़ल शिवनन्दन सिंह 06/02/2024 ग़जल तेरे चेहरे पर कोई नजर गड़ाये बैठा है, पता नहीं है कोई हमदर्द या लुटेरा है। नजरें तो कली पर Read More
मुक्तक/दोहा शिवनन्दन सिंह 07/12/202307/12/2023 दोहे घर जमीन बिक जात है, और हुस्न बाजार, मजबूरी पीछे छिपी, क्या जाने संसार । बिके जवानी बचपना, इज्जत की Read More
गीतिका/ग़ज़ल शिवनन्दन सिंह 04/11/202304/11/2023 ग़जल आंसू न रूके आंखों में बहते चले गये, गम सारे जमाने का सहते चले गये । दिल में ही सिमट Read More
गीतिका/ग़ज़ल शिवनन्दन सिंह 11/10/2023 ग़जल पलकों में आँसू छुपा के रखना, चेहरे पे तुम हँसी सजा के रखना । लुढ़कें न कभी आँसू तुम्हारी गालों Read More
गीतिका/ग़ज़ल शिवनन्दन सिंह 27/09/202327/09/2023 ग़जल सिसकती जिन्दगी में साज क्या सजा पाना, बड़ी मुश्किल है अपनी आबरू बचा पाना । आंखों में शोले और हाथ Read More
गीतिका/ग़ज़ल शिवनन्दन सिंह 13/08/202313/08/2023 गजल ये जो गुम तन्हाई है, ये कितनी हरजाई है। हमने देखा दुनिया में, कितनी जीवन खाई है । ये तो Read More