ग़ज़ल
वक्त की मार से जीना सीखता है आदमी। तजरबाकार हुनरमंद दिखता है आदमी। चर्चे आम होते हैं हर गली हर
Read Moreयह युद्ध है, यह युद्ध है। राष्ट्र के महानायक की। विनय करूणा दायक की। जनता के प्रतिपालक की। ललकार उस
Read Moreमैं लिखता हूँ बिकता नहीं, चट्टान के आगे रूकता नहीं। जो करते वायदे झूठे हैं, मेरा शब्द उन पर थूकता
Read Moreहोली की मस्त बहार,रंग बरसाने दो। रंग दूँ रंग मैं लाल, पास तो आने दो। गोरी ओढ़ी लाल चुनरिया। काले
Read Moreतुम हो तो हम हैं, बिन तुम कहाँ होंगे। जाओगे तुम जहाँ , हम भी वहाँ होंगे। तुम बिन यह
Read Moreबैठो आ कर पास, नयन भर जाने दो। रिमझिम स्नेह आपार, बरस जाने दो। मृगनयनी तेरे नयन कजरारे। मचल मचल
Read Moreनई सोच हो नई उमंग हो, हो नया तराना। नए साल हमनें तो मन में, है मीत यह ठाना।। बुरा
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