कविता

यह युद्ध है

यह युद्ध है, यह युद्ध है।
राष्ट्र  के  महानायक  की।
विनय करूणा दायक की।
जनता के प्रतिपालक की।
ललकार उस विनायक की।
यह युद्ध है, यह युद्ध है।
यह युद्ध है।
हर  रिश्तों  को निभाने का।
संकल्प  सँभल  जाने   का।
हिंद ताकत को दिखाने का।
जन  मानस  को बचाने का।
यह युद्ध है, यह युद्ध है।
यह युद्ध है।
संसाधन   एक   जुट  हुए।
वीर    सैनिक   डट    गए।
संक्रमित से जूझ जाने को।
कोरोना   को   भगाने  को।
यह युद्ध है यह युद्ध है।
यह युद्ध है।
लक्ष्मण रेखा निभानी है।
हर शर्त यही अपनानी है।
करनी  नहीं  मनमानी है।
बात जनता को बतानी है।
यह युद्ध है,यह युद्ध है।
यह युद्ध है।
हार  नहीं   हम  खाएंगे।
कोरोना   को   भगाएंगे।
हर  अज्ञा हम निभाएंगे।
बाहर  हम  नहीं जाएंगे।
यह युद्ध है,यह युद्ध है।
यह युद्ध है।
यह  युद्ध  है घर  में  रहने का।
यह युद्ध है मुश्किल सहने का।
नहीं गिला छिकवा  कहने का।
अफवाहें   नहीं   फैलाने   का।
यह युद्ध है,यह युद्ध है।
यह यद्ध है।
शिव सन्याल

शिव सन्याल

नाम :- शिव सन्याल (शिव राज सन्याल) जन्म तिथि:- 2/4/1956 माता का नाम :-श्रीमती वीरो देवी पिता का नाम:- श्री राम पाल सन्याल स्थान:- राम निवास मकड़ाहन डा.मकड़ाहन तह.ज्वाली जिला कांगड़ा (हि.प्र) 176023 शिक्षा:- इंजीनियरिंग में डिप्लोमा लोक निर्माण विभाग में सेवाएं दे कर सहायक अभियन्ता के पद से रिटायर्ड। प्रस्तुति:- दो काव्य संग्रह प्रकाशित 1) मन तरंग 2)बोल राम राम रे . 3)बज़्म-ए-हिन्द सांझा काव्य संग्रह संपादक आदरणीय निर्मेश त्यागी जी प्रकाशक वर्तमान अंकुर बी-92 सेक्टर-6-नोएडा।हिन्दी और पहाड़ी में अनेक पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। Email:. Sanyalshivraj@gmail.com M.no. 9418063995