सर्द चांदनी रात
इस सर्द चांदनी रात में कोई नहीं है मेरे पास में । जिसको मैं कुछ भी कह सकूं अपने मन
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Read Moreअपनी सत्ता बचाने को, विद्रोह का डर मिटाने को, उठती आवाजें दबाने को हुआ था जलियांवाला बाग। कोई न बच
Read Moreबारिश की बौछार बारिश की बूंदे जब धरती से मिल जाती हैं तवे सी गर्म धरती पर तब सुकून की
Read Moreबॉर्डर पर पहुंचा किसान यह देखकर चौक गया हर इंसान। शक नहीं है उसे किसी भी बात पर लेकर रहेगा
Read Moreव्यतीत करना छोड़ दें जीवन जीना अब तू सीख ले । अपने जीवन काल में तू कर गुज़र कुछ ऐसा
Read Moreकलयुग के भारत की हैं बात निराली ईमानदारी यहाँ कुछ ने ही जानी। माँ-बाप की कुछ लोग कद्र नहीं करते
Read Moreमुझ पर एक अहसान जताओ मुझ पर तुम कोई जुर्म न ढ़हाओ मेरे इस अस्तित्व को कृपया कर तुम ही
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