कविता

राम राज्य

राम राज्य चाहिए सबको
पर राम नहीं बनना किसी को।
सुखी संसार चाहिए सबको
पर दूसरों को सुख नहीं देना किसी को।
राम राज्य चाहिए अगर तुमको
तो पहले राम जैसे तुम बनो
अपने अंदर उनका एक गुण तो धरो।
राम राज्य चाहिए अगर तो
राम तुम्हें बनना होगा।
उनके गुणों को धारण करना होगा।
क्योंकि…
जबतक राम नहीं होंगे मन में
तबतक राम राज्य कैसे होगा जग में।

– श्रीयांश गुप्ता

श्रीयांश गुप्ता

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