कहानी – बेदखल
हादसा जब हुआ, मैं अठारह की थी और मैट्रिक की परीक्षा की तैयारी में लगी हुई थी। ” अच्छे नम्बर,
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Read Moreखैरी गैया की आँख से बहते आँसू देख अचानक से बासु चौंक उठा था। तत्काल उसे समझ में नहीं आया
Read Moreअगर मैं सर्विस में न होता तो लेखक न होता और लेखक न होता,तो एक बड़ा ठेकेदार होता और हजारों
Read Moreउस दिन हीरालाल ने आशा को गोद में क्या उठाया, लगा उसने पारसनाथ पहाड़ को ही उठा लिया है और
Read More” पानी पीना छानकर, अतिथि बनना जानकर !” बचपन में कही मां की यह बात उम्र पचपन में मुटरा बाबू पर
Read More“पता नहीं इन मर्दों की अक्ल कब ठिकाने आएगी,कब तक वे अपनी पत्नियों को गुलाम समझते रहेंगे । युग बदलता
Read Moreअखबार में दिए वैवाहिक विज्ञापन के बाद जिन सात लड़कियों की तस्वीरें आई थी,वे सब के सब मेघराज के आगे
Read Moreएक पल को लगा पूरी पंचायत को सांप सूंघ गया हो…! ” अगर हमर साथ भेद भाव होतअ आर नियाय
Read Moreफूफा फूलचंद की फुफकार और ललकार से ही गजोधर बाबू की इज्जत – आबरू बची ! राहत मिली थी !
Read Moreनूना मेरे पास काम की तलाश में आया था। अपने नये फार्म हाउस के लिए मुझे एक नौजवान नौकर की
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