कहानी

कहानी – अपनी अपनी जिन्दगी

नूना मेरे पास काम की तलाश में आया था। अपने नये फार्म हाउस के लिए मुझे एक नौजवान नौकर की जरूरत थी। नूना को उसी काम के लिए बुलाया था मैने। पीडा में डूबी नूना की बातों ने मुझे झकझोर दिया था। वह अपनी आप बीती सुना नहीं जैस गिना रहा था-“ कहां पता था […]

कहानी

लॉकडाउन जिन्दगी

” मेरे घर में यह कदम नहीं रख सकती है, जहां से इसे उठा लाए हो वहीं छोड़ आओ….!” बेटे को मां की चेतावनी । ” न जात का पता है न बाप का पता, किसी को भी घर की बहू मान लें..जाति-गुस्टि भी तो मिलनी चाहिए…!” बाप ने भी कडा एतराज जताया था । […]

कहानी

कहानी – कसरत वाला भगोड़ा

आज फिर बुधिया चार बजे भोर भादो को ढूंढने निकल पड़ी थी । मैं जान बूझ कर उसके रास्ते से हट गया और पेड़ के पीछे छिप कर उसे जाते हुए देखता रहा-दूर तक । डूबती चांद की ओड में वह लम्बे लम्बे डेग डालती लपलपाती हुई जा रही थी । यहां कृष्ण राधा मिलन […]

धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

झारखंड के कुडमि हाशिये में !

“खट मरे मुर्गा, बिलाय खाये अण्डा ” यह कहावत छोटा नागपुर पठार में चिरकाल से बसने वाले और झारखंड की सबसे बड़ी आबादी कहे जाने वाले कुडमियों पर अक्षरस :लागू होता है । झारखंड की कुल आबादी का 24% प्रतिशत से ऊपर का यह जनजाति अपने हक अधिकारों से पूरी तरह वंचित है, और ढोल […]

कहानी

व्यंग्य कथा –  कुटुम्ब भोज

फूफा फूलचंद की फुफकार और ललकार से ही गजोधर बाबू की इज्जत – आबरू बची ! राहत मिली थी ! वरना आज तो गोतिया भाईयों ने  भरी समाज में उसकी दो गज धोती खोलवाने का पूरा पूरा इंतजाम कर रखा था । मतलब कि धोती खूलन से बाल-बाल बच गया था गजोधर बाबू…! निर्धारित समय […]

कहानी

कहानी – विश्वासघाती

उनका पूरा कमरा ही शोक में डूबा हुआ था और विधायक जगतलाल जमीन पर पालथी मारे बैठे छाती पीट रहे थे- ”हाय! मेरा भाई! हत्यारों ने तुमको मुझसे छीन लिया! ओह भाई बाबू मेरे!“ और वह लगातार हिचक हिचककर रोये जा रहे थे। उनके आंसू थम नहीं रहे थे। ”विधायक जी धीरज रखिए!“ हिम्मत कर […]

कहानी

कहानी- जंगल के दावेदार

तुमूल बाबू की सुबह घूमने की आदत बंद नहीं हुई थी। तीस साल पहले जो आदत बनी थी, वो आज भी बरकरार थी । कल ही गांव लौटे थे । और सुबह सुबह घूमने जंगल की ओर निकल गये थे । जंगल पहले से आधा रह गया था । यह देख उसे धक्का सा लगा, […]

लघुकथा

लघुकथा – नेता जी कहां हैं

शमीम साहब हैरान-परेशान है,सप्ताह दिन से नेता जी को खोजते फिर रहे है,पर नेता जी है कि अपना टेबल कुर्सी छोड़ न जाने कहां गायब हो गए हैं । नेता जी से शमीम साहब का भेंट हो भी तो कैसे हो! किसी से पुछे तब न कोई कुछ बताये उन्हें। वो तो मन ही मन […]

कहानी

कहानी रूम हीटर

शीत लहरी से पूरा क्षेत्र कांप रहा था । ठंड ने समस्त प्राणियों में अपना दबदबा कायम कर लिया था । किसान बड़ी मुश्किल से खलिहान तक पहुंच रहे थे और मजदूर  हिलते डुलते काम पर जाने को मजबूर थे ।  जिस पर नजरें उठती वही कपड़ों में लिपटे नजर आ रहे थे । शरद […]

कहानी

कहानी – तबादले के बाद

अभी अभी खबर मिली है कि लालजी साहू ने सम्प एरिया में काम ज्वाइंन कर लिया है। सुनकर मुझे विश्वास नहीं हुआ ! सम्प एरिया में काम और लालजी साहू !नेवर-कभी नहीं ! वो ऐसी जगह न कभी काम किया है न करेगा-कर ही नहीं सकता। शेर भूखा रह जाएगा पर घास नहीं खाएगा-असंभव ! […]