दर्द तिरंगे का
मैं तिरँगा तीन रंग का चौथे रंग में रंग जाता हूँलेकर लहू लाल रंग लाल की बलि चढ़ाता हूँकोख कलाई
Read Moreमैं तिरँगा तीन रंग का चौथे रंग में रंग जाता हूँलेकर लहू लाल रंग लाल की बलि चढ़ाता हूँकोख कलाई
Read Moreआओ आगे बढ़कर देश वासियों, हम शान से तिरंगा लहराये। धरती से ऊपर आसमान तक, चलो चांद पर हम
Read Moreब्लैक बोर्ड चाक छोटे तकिये सा डस्टर छात्र जीवन होता और जीवन से बेहतर मास्टर का डंडा व मेडम जी
Read Moreकागज कलम कविता और हो तुम क्या और लिखूं अब जरा बताओ तुम जब से तुमको देखा हम देखते ही
Read Moreप्यार में हम ओर छोर से सराबोर हो गए तुम ना मिली हम किसी और के हो गए बदले तुम
Read Moreमेरे भाई कलाई के राखी की, लाज काहे तुम रख नही पाये। भाभी को देकर सिंदूर दान, दान सिंदूर का
Read Moreआजादी से आजादी तो बस वहसी दरिंदो ने ही पायी है जिसकी कीमत भरें बाजारों चौराहो में नारी ने चुकायी
Read Moreसाल मुझे फिर याद आ गया यादों में बीत गया पूरा साल तो रुप बदल क्यूँ सामने आ गया कल
Read Moreपास रहते ना जाने कब ये दूरी हो गई ना जाने क्यूँ ये कहानी फिर अधूरी हो गई समय के
Read Moreपूजा पाठ कर शीश झुकाये, बेल पत्र संग गंग दुब चढ़ाये। सुमन सा मन में भाव भर के, फूलों की
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