नज़र बट्टू (लघु कथा)
‘भइया, 10 किलो नींबू और 5 किलो हरी मिर्च तोल दे जल्दी से’ कमला सुबह 4.30 बजे ही थोक सब्जी
Read More‘भइया, 10 किलो नींबू और 5 किलो हरी मिर्च तोल दे जल्दी से’ कमला सुबह 4.30 बजे ही थोक सब्जी
Read More‘अब आपकी फाईल नहीं मिल रही तो मैं क्या करूँ ? इतना पुराना रिकाॅर्ड है । बेसमेंट में स्टोर रूम
Read More‘मि. तनेजा, आप जानते हैं कि स्कूल का नया सैशन शुरू होने जा रहा है, विद्यार्थी अगली क्लासेज़ में जायेंगे।
Read Moreबड़ी अजीब सी होती जा रही है शहरों की रौशनी उजालों के बावजूद चेहरे पहचानना मुश्किल होता जा रहा है
Read Moreसब्जी मण्डी में बहुत भीड़ थी। सब्जियों वाले ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए नये नये तरीके अपना रहे थे
Read Moreअमीर कालोनी की एक आलीशान गाड़ी में जब भी अलसेशियन कुत्ता जैक अपने मालिक के साथ सुबह सुबह हवाखोरी करने
Read More‘पिंकी … पिंकी … इधर आ …’ सपना चिल्लाई। ‘क्या है … क्यों चिल्ला रही है … क्या हो गया
Read Moreये शब्द भी क्या चीज़ हैं अपनी धुन में खेलते जा रहे हैं मैं क्या लिखूँ, किस पर लिखूँ लोग
Read Moreडांसिंग फ्लोर की अभिलाषा ‘कितनी बेरहमी से कुचला है, जगह जगह चोट लगी है, कई जगह से फट गया है’
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