उपन्यास : देवल देवी (कड़ी १८)
15. रानी का कायरतापूर्वक समर्पण एक दिन नृत्य महफिल से उठकर सुल्तान अपने हरम में गया। और बांदी से रानी कमलावती
Read More15. रानी का कायरतापूर्वक समर्पण एक दिन नृत्य महफिल से उठकर सुल्तान अपने हरम में गया। और बांदी से रानी कमलावती
Read More14. काफूर और हसन सर्वाधिक खूबसूरत युवतियों को सुल्तान ने अपने हरम में भिजवा दिया। बाकी को अमीरों और अफसरों में
Read More13. राजसी लूट अल्लाह-हो-अकबर का नारा बुलंद करती मुस्लिम सेना तूफान की तरह महल में घुसी। सोलह वर्ष से अधिक आयु
Read Moreपूरा गांव उन्हें दीवाना, वहशी और पागल कहता था। पर न जाने क्यों मेरा मन कहता था युसूफ चच्चा ऐसे
Read More12. धर्म रक्षण हेतु पलायन ”महाराज आप राजकुमारी देवलदेवी को लेकर गुप्त मार्ग से निकलिए, समय बहुत कम है।“ कंचन सिंह
Read More11. युद्ध की विभीषिका आन्हिलवाड़ की छोटी-सी सेना के अग्रिम में 200 घुड़सवार थे इसका संचालन सेनापति इंद्रसेन कर रहा था।
Read More10. मिलन और बिछोह कोई आधी रात के समय सेनापति अपने शयन कक्ष में आया। पत्नी चंद्रावलि उसकी प्रतीक्षा कर रही
Read Moreबालक तलवार लेने के लिए आगे बढ़ता है तभी कक्ष के द्वार पर आहट सुनकर दोनों द्वार की तरफ देखते हैं।
Read More9. भविष्य का संकेत राजा की आज्ञा से महल में हलचल शुरू हो जाती है, सैनिक मुख्य प्रांगण में इकट्ठे हो
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