अपना वतन
अपना वतन, अपनी जन्मभूमिअपनी माँ सबको भाती है,यही तो हमारी थाती है।पर कहने मानने से भला क्या होता है?धरातल पर
Read Moreमृत्यु पीड़ा का वर्णन करना नामुमकिन है,क्योंकि अपनों को खोने की पीड़ाहम सब मिलकर शोक जताकरएक दूसरे को ढाँढस बँधाकर
Read Moreमित्रता का अपना अपना उसूल होता है,मित्रता के अनुभव भी,बहुत खट्टे मीठे होते हैं।सच तो यह है कि मित्र बनाये
Read Moreकुछ नया नहीं है ये सोचनाहमें ही नहीं, सबको चाहिए शांति,व्यक्ति, परिवार, समाज या राष्ट्र ही नहींसंसार को भी चाहिए
Read Moreराम सिर्फ नाम नहींराम को जानिए,राम सिर्फ पूज्य नहींराम कहा मानिए।राम सिर्फ सृजनहार नहीं,राम पालनहार भी हैंऔर खेवनहार भी हैंराम
Read Moreहे राम जी! मेरी पुकार सुनोएक बार फिर धरा पर आ जाओधनुष उठाओ प्रत्यँचा चढ़ाओकलयुग के अपराधियों आतताइयों, भ्रष्टाचारियों परएक
Read Moreयह विडंबना नहीं तो और क्या हैकि हम आंग्ल नववर्ष के स्वागत मेंपलक पाँवड़े बिछा देते हैं,हफ्तों पूर्व योजनाएँ बनाने
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