चुनाव के बाद अयोध्या
सामान्य तौर पर देखिए तो अयोध्या में चुनाव बाद क्या बदलाकुछ भी तो नहीं।बस एक नया जनप्रतिनिधि गयाउसकी जगह दूसरा
Read Moreसामान्य तौर पर देखिए तो अयोध्या में चुनाव बाद क्या बदलाकुछ भी तो नहीं।बस एक नया जनप्रतिनिधि गयाउसकी जगह दूसरा
Read Moreचुनाव के बाद अयोध्या मायूस है, निराश है अविश्वास के भंवर में तैर रही है, आरोप, प्रत्यारोप का दंश झेल
Read Moreभावनात्मक शक्तियों को सामाजिक संदर्भों में इंगित किया जाता है, इसे भावनाओं के समझने, पहचानने और सामाजिक स्वीकार्यता की क्षमता
Read Moreयूँ तो हम सब पिता का मान सम्मान करते हैं, कुछ दिल से और ज्यादा औपचारिकता निभाते हैं। पर विश्वास
Read Moreनारी के अपनत्व त्याग कासर्वश्रेष्ठ उदाहरण है, वट सावित्री व्रत।जीवन साथी के दीर्घायु के लिएसुगागिनें करती हैं वटवृक्ष की पूजा।और
Read Moreलगभग सौ घर वाले गांव में अब गिने चुने घर ही आबाद थे।वो भी शायद इसलिए कि उनकी अपनी मजबूरियां
Read Moreयूँ तो समाज सेवा और राजनीति दोनों अलग अलग हैं। लेकिन दोनों एक दूसरे के पूरक भी बनते रहते
Read Moreहर प्राणी की जरूरत रोटी हैक्योंकि भूख सबको ही लगती हैऔर भूख का आखिरी विकल्प है रोटी।दो जून की रोटी
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