कण कण में प्रभु
प्रभु तुम कण कण में होधरती हो या आकाशमनुष्य हो या जानवरपेड़ पौधे फूल पत्तियों मेंहै तेरा निवास।सजीव हो निर्जीव
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Read Moreसुख दुख का साथीहम किसे मानते हैं,कभी मां बाप भाई बहनपरिवार, रिश्तेदार कोअपना साथी समझते हैंया अपने जीवन साथीया फिर
Read Moreमन के परिंदे ने अभी तकहौसला नहीं खोया है,उसका आत्मविश्वासअभी नहीं सोया है।थोड़ा डगमगा जरूर रहा हैपर पीछे हटने का
Read Moreप्रश्न कठिन है ये कह पानाकि मैं कौन हूँ?कोई भी विश्वास से कह नहीं सकताकि मैं कौन हूँ?पर दंभ में
Read Moreगोण्डा (उत्तर प्रदेश ): जिले के वरिष्ठ कवि साहित्यकार देहदानी सुधीर श्रीवास्तव को नवोदय वैश्विक प्रज्ञान साहित्यिक मंच के छठें
Read Moreअजीब तमाशा हैजैसे हमें पता ही नहीं हैकि अवध में राम आये हैं।चलिए! आपने कहा तो हमने मान भी लियापर
Read Moreमनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। जिस तरह से वह अपने जीवनचर्या का क्रियान्वयन और परिणाम का निर्धारण करता है, वैसा ही
Read Moreआप सभी माँ भक्तों कोबहुत बहुत बधाइयां शुभकामनाएं,सुख शान्ति, समृद्ध और स्वास्थ्य का उपहार पाएँ,नाचें-गाएँ, खुशियों का संसार सजाएँ।पर माँ
Read Moreरेडियो अब बीते जमाने की बात हो गई,जो बीतने के साथ इतिहास हो गई।एक जमाना वो भी थाजब आधुनिक सुविधाएं,
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