यमराज का सुझाव : स्व पिंडदान
सचमुच मित्र क्या होता है?यह पूरी तरह मैं आज ही समझ पाया,गुस्से के साथ खूब आनंद भी आया।मानिए न मानिए
Read Moreसचमुच मित्र क्या होता है?यह पूरी तरह मैं आज ही समझ पाया,गुस्से के साथ खूब आनंद भी आया।मानिए न मानिए
Read Moreअभी अभी मेरे मित्र यमराज पधारेखुश इतना थे जैसे तोड़ लिए हों चाँद तारे।मैंने हमेशा की तरह प्यार से बिठाया,
Read Moreअभी अभी मेरे मित्र यमराज पधारे खुश इतना थे जैसे तोड़ लिए हों चाँद तारे।मैंने हमेशा की तरह प्यार से
Read Moreलोक कल्याण की भावना और उद्देश्य से प्रस्तुत पुस्तिका का एक मात्र उद्देश्य श्री बजरंग बली जी महाराज से जन-जन
Read Moreऐ मृत्यु! तू इतना सकुचाती क्यों है?पास नहीं आती क्यों है?क्या गिला शिकवा शिकायत है हमसे?जो रुठी हुई दूर रहती
Read Moreकालबेल की आवाज सुनकर रिचा ने दरवाजा खोला तो सामने सीमा को देखकर चौंक बड़ी अरे…आप… !हां भाभी! मुझे माफ़
Read Moreसौभाग्य की बात है कि यमराज मेरा यार हास्य-व्यंग्य काव्य-संग्रह की समीक्षा करने का सुअवसर मुझे प्राप्त हुआ है। हालांकि
Read Moreवैसे तो किसी भी पुस्तक की समीक्षा लिख पाना मेरे लिए अत्यंत दुष्कर कार्य है, फिर भी एक असफल प्रयास
Read Moreसुधीर श्रीवास्तव दादा जी द्वारा सृजित हास्य व्यंग्य काव्य संग्रह “यमराज मेरा यार” लोक रंजन प्रकाशन प्रयागराज द्वारा प्रकाशित है।
Read Moreयमराज मेरा यार कृति एक हास्य काव्य संग्रह है जो कि डॉ.सुधीर श्रीवास्तव दादा जी द्वारा रचित है। लोकरंजन प्रकाशन
Read More