बखरी
गर्मी थी या ठंडी थी,तू खुशियों की मंडी थी। चौड़ी थी या सॅंकरी थी,बड़ी दुलारी बखरी थी। घर में आंगन
Read Moreहे मुनीर बस एक बार, तू वार हमारे ऊपर कर दे।बम,बारूद और तोपों की, धार हमारे ऊपर कर दे। जोह
Read Moreसमानता संविधान में, क्या कहते हो,सूराख आसमान में, क्या कहते हो। कानून की नज़र में सब बराबर हैं,हमारे हिंदुस्तान में,
Read Moreमाया की माया गजब, किसको करें दुलारकभी भतीजे पर लुटें, कभी भ्रात से प्यारकभी भ्रात से प्यार,बदल जाती हैं चीजेंउन्हें
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