कविता : कुछ एहसास हुआ था…
हमने उसे जब छुआ था, कुछ एहसास हुआ था, साँसे थी वो उसकी, या सिगार का धुआँ था! हमने उसे
Read Moreहमने उसे जब छुआ था, कुछ एहसास हुआ था, साँसे थी वो उसकी, या सिगार का धुआँ था! हमने उसे
Read Moreयू ही खिड़की पे बैठे बैठे, सुबह से शाम कर दी, जैसे अपनी ज़िंदगी उस,, आसमां के नाम कर दी,
Read More